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Conman

Posted by Surender Mohan Pathak on Tuesday, October 23, 2018, In : Feedback 

‘कॉनमैन’ के प्रति पाठकों की राय

‘कॉनमैन’ के सन्दर्भ में सब से पहले मैं ये कबूल करना चाहता हूँ कि मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजीज के बारे में मेरी जानकारी बहुत मामूली है और साईबर क्राइम्स क...

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'HeeraFeri'

Posted by Surender Mohan Pathak on Wednesday, November 1, 2017, In : Feedback 

'हीराफेरी' के 'लेखकीय' ने मेरे पाठकों को उपन्यास से भी ज्यादा प्रभावित किया । कितने ही पाठकों ने कबूल किया कि वो लेखकीय पढ़ने से पहले उन्हें वसीयत का कभी ख्याल ही नहीं आया था और उन्होंने लेखकीय ...


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Insaf Do

Posted by Surender Mohan Pathak on Friday, September 15, 2017, In : Feedback 

‘इंसाफ दो’ के प्रति पाठकों की राय

उपन्यास के अंत से मेरे अधिकतर पाठकों को शिकायत हुई । उन्हें यह बात हजम नहीं हुई कि हैसियत वाले अपराधियों को, गंभीर, जघन्य अपराध के अपराधियों को कोई सजा न हुई । ...

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Kaatil Kaun

Posted by Surender Mohan Pathak on Monday, September 5, 2016, In : Feedback 

‘कातिल कौन’ के प्रति पाठकों की राय :

- हनुमान प्रसाद मुंदड़ा को कातिल कौन ‘परफेक्ट, आइडियल, शानदार, ऐन मेरी पसन्द का’ लगा । बकौल उन के काफी समय बाद उन को कोई बढ़िया थ्रिलर (मर्डर मिस्ट्री नहीं) पढ...


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Crystal Lodge

Posted by Surender Mohan Pathak on Friday, October 23, 2015, In : Feedback 

'क्रिस्टल लॉज' पाठकों की राय में

- मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया से सुधीर बड़क ने ‘क्रिस्टल लॉज’ को मेरा ‘जमीर का कैदी’ तिकड़ी के बाद से अब तक का सबसे अच्छा उपन्यास बताया है । उन्होंने इस उपन्यास के जरिय...


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Feedback 'Goa Galaata'

Posted by Surender Mohan Pathak on Tuesday, March 17, 2015, In : Feedback 

गोवा गलाटा पाठकों की राय में

जालंधर के जोधा मिन्हास को गोवा गलाटा बहुत सुन्दर उपन्यास लगा और वो उपन्यास की तेज रफ्तार से खास तौर से प्रभावित हुए । बकौल उन के, उपन्यास उन्होंने पूरी रात में ब...


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Feedback 'Jo Lare Deen Ke Het' - 2

Posted by Surender Mohan Pathak on Monday, November 3, 2014, In : Feedback 

मैंने अपने पिछले वृतांत में आपको ‘जो लरे दीन के हेत’ के बारे में पाठकों की राय से अवगत कराया था । उस लेख में एक खास तारीख तक की चिट्ठियों और मेल का समावेश था । अब पेशे खिदमत है उपन्यास के बारे म...


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Feedback 'Jo Lare Deen Ke Het'

Posted by Surender Mohan Pathak on Thursday, October 9, 2014, In : Feedback 

मैं खेद के साथ लिख रहा हूं कि ‘जो लरे दीन के हेत’ के माध्यम से विमल को वो मुक्तकंठ प्रशंसा न प्राप्त हो सकी जो कि हार्पर कॉलिंस से प्रकाशित मेरे पिछले उपन्यास ‘कोलाबा कांस्पीरेसी’ में जीतसि...


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Feedback on 'Singla Murder Case'

Posted by Surender Mohan Pathak on Monday, July 28, 2014, In : Feedback 

सिंगला मर्डर केस

उपरोक्त उपन्यास सुनील सीरीज में 121 वां है और मेरी आज तक प्रकाशित कुल रचनाओं में 288 वां है । मुझे खुशी है कि उपन्यास मेरे हर वर्ग के पाठकों को – एकाध अपवाद को छोड़कर जो कि हमेशा ह...


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Feedback on 'Colaba Conspiracy' - Part 2

Posted by Surender Mohan Pathak on Saturday, May 31, 2014, In : Feedback 

Part 1 से आगे...

पुनीत दुबे को कोलाबा कान्स्पिरेसीबेमिसाल, पूरे सौ नंबरों के काबिल लगा, बावजूद उनकी नीचे लिखी दो नाइत्तफाकियों के:

1. बकौल उनके पंगा शब्द जो एडुआर्डो और जीतसिंह के डायलॉग्स में आ...


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Feedback on 'Colaba Conspiracy' - Part 1

Posted by Surender Mohan Pathak on Saturday, May 31, 2014, In : Feedback 

कोलाबा कांस्पीरेसी

जीत सिंह के इस सातवें कारनामे को जो तारीफ और मकबूलियत हासिल हुई है, वो बेमिसाल है और उससे आप का लेखक गदगद है कि उसकी मेहनत रंग लायी । उपन्यास ने पाठकों को किस कदर प्रभावित ...


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Feedback on 'Bahurupiya'

Posted by Surender Mohan Pathak on Sunday, December 8, 2013, In : Feedback 

बहुरुपिया

पाठकों की राय में

आपका बहुप्रतीक्षित नावल ‘बहुरुपिया’ एक ही बैठक में पढ़ा जो थोड़ी बहुत शिकायत ‘प्यादा’ और चोरों की बारात से हुई थीं, ‘बहुरुपिया ने काफी हद तक उनको दूर कर दिया सु...


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Secret Agent

Posted by SM Pathak on Sunday, March 3, 2013, In : Feedback 
मुझे ये लिखते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि मेरा पिछला उपन्यास ‘सीक्रेट एजेंट’ सभी पाठकों को बहुत अच्छा लगा और सबने एक मत होकर मुक्त कंठ से इसकी प्रशंसा की । उपन्यास में पहली बार पाठकों को मैंने ...
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